आसान सिद्ध विधान गुरुमंत्र के द्वारा
आसान सिद्ध विधान गुरुमंत्र के द्वारा (सिर्फ निखिल शिष्यों के लिए )
दिन -गुरुवार
समय - प्रतःकाल ४:३० AM से ६ :३० AM
दिशा-उत्तेर
वस्त्र- पीले रंग के
माला - स्फटिक की या गुरु माला
जप संख्या - ५१ माला
सबसे पहले गणपति पूजन , भैरव पूजन और गुरु पूजन करके ,जैसे हम रोज करते है वो कर लेना चाइये. उसके बाद संकलप
लेना चाइये। आसान सिद्ध करने के लिए। इस विधान से आप कोई भी आसान सिद्ध कर सकते हो | चाहे वो कपडे का हो या मुर्गचर्म का या और कोई
1.सवसे पहले एक कटोरी में कुछ कुमकुम ले ले और उसे गीला कर ले।
2.फिर उशी कुमकुम से साधक अपने सामने एक मैथुन चक्र बनाये। गुरुमंत्र का जाप करते हुए
3.जब पूरा मैथुन चक्र बन जाये तो उसे से बीच में गुरमन्त्र लिखना है
4. उसके बाद धूप ,और देशी घी का दिया जलए। .और सामान्य पूजन करे।
5. फिर जो बाजार से आसान लाये हो। उसे मोड़ कर उस मैथुन चक्र पे स्थापित करे |
6.वो फिर आपको गुरुमंत्र के ५१ माला करना है
7. यहाँ पे ध्यान रखना है ? की हर एक माला के बाद आपको एक फूल लेना है और उसपर फूक मरना है और आसान पैर चढ़ना है | ये क्रम आपको ५१ माला तक करना है |
8.उसके बाद जाप गुरु को समपर्ण करना है | हो गया आपका आसान सिद्ध | खुद प्रैक्टिकल कीजिये। और अपना अनुभव गुरुभाइयों से शेयर कीजिये |
जय निखिलेश्वर
दिन -गुरुवार
समय - प्रतःकाल ४:३० AM से ६ :३० AM
दिशा-उत्तेर
वस्त्र- पीले रंग के
माला - स्फटिक की या गुरु माला
जप संख्या - ५१ माला
सबसे पहले गणपति पूजन , भैरव पूजन और गुरु पूजन करके ,जैसे हम रोज करते है वो कर लेना चाइये. उसके बाद संकलप
लेना चाइये। आसान सिद्ध करने के लिए। इस विधान से आप कोई भी आसान सिद्ध कर सकते हो | चाहे वो कपडे का हो या मुर्गचर्म का या और कोई
1.सवसे पहले एक कटोरी में कुछ कुमकुम ले ले और उसे गीला कर ले।
2.फिर उशी कुमकुम से साधक अपने सामने एक मैथुन चक्र बनाये। गुरुमंत्र का जाप करते हुए
3.जब पूरा मैथुन चक्र बन जाये तो उसे से बीच में गुरमन्त्र लिखना है
4. उसके बाद धूप ,और देशी घी का दिया जलए। .और सामान्य पूजन करे।
5. फिर जो बाजार से आसान लाये हो। उसे मोड़ कर उस मैथुन चक्र पे स्थापित करे |
6.वो फिर आपको गुरुमंत्र के ५१ माला करना है
7. यहाँ पे ध्यान रखना है ? की हर एक माला के बाद आपको एक फूल लेना है और उसपर फूक मरना है और आसान पैर चढ़ना है | ये क्रम आपको ५१ माला तक करना है |
8.उसके बाद जाप गुरु को समपर्ण करना है | हो गया आपका आसान सिद्ध | खुद प्रैक्टिकल कीजिये। और अपना अनुभव गुरुभाइयों से शेयर कीजिये |
जय निखिलेश्वर
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