निद्रा स्तम्भन प्रयोग ( अद्भूत साबर प्रयोग )
अक्सर साधको को साधना के समय नींद आने लगती है।खासकर रात्रि कालीन साधनाओं में ऐसी समस्या होना आम बात है।वैसे तो रात्रि कालीन साधना अगर चल रही हो तो दिन में सो जाना चाहिए।पर कुछ साधनाओं में दिन में सोना तक वर्जित होता है।और यदि साधना में हलकी सी भी नींद लग जाये तो साधना खंडित होने का खतरा उत्पन्न हो जाता है.ऐसी समस्याओं से मुक्ति हेतु प्रस्तुत है एक दिव्य प्रयोग।जिससे साधना में निद्रा से आप मुक्ति पा सकते है।परन्तु पहले इसे सिद्ध करना आवश्यक है।
सिद्ध विधि : किसी भी शुक्रवार की रात्रि को उत्तर की और मुख कर बैठ जाये सामने महाकाली का कोई भी चित्र लाल वस्त्र पर स्थापित करे।आपके आसन वस्त्र भी लाल हो।गणेश पूजन,गुरु पूजन संपन्न करे।महाकाली का सामान्य पूजन करे।लोबान की अगरबत्ती जलाये,दूध से बनी कोई मिठाई का भोग लगाये।शुद्ध घी का दीपक हो। एक नारियल भी माँ के पास रखे।अब रुद्राक्ष माला से मंत्र की ९ माला जाप करे।अगले दिन मिठाई स्वयं खा ले।नारियल देवी मंदिर में अर्पण कर दे।इस प्रकार मात्र एक रात्रि में ये मंत्र सिद्ध हो जाता है। अब जब भी आपको रात्रि में साधना करना हो दोनों नेत्रों पर अपने हाथ रखे और मंत्र को २१ बार पड़कर माँ से प्रार्थना कर ले जब तक आपकी साधान चलेगी आपकी निद्रा का स्तम्भन हो जायेगा।साधना के बाद माँ से प्रार्थना करके आँखों में पानी के छीटे मारे इससे पुनः नींद आने लगेगी।
मंत्र:-
|| भक्ति करन बैठे माई, निद्रा देबी सताए,
हाँक परी महाकाली की निद्रा देबी जाये ||
हमारी एक दोस्त है उसके घर वालों ने विदेश में प्रयोग करवा दिया जिससे हमारे बीच आन बन गई है main उससे बात करना चाहता हूं Meri samasya ka Samadhan hai aapke paas
ReplyDeleteAap se contact kese kare
ReplyDeleteनिद्रा स्तम्भन प्रयोग अच्छा है
ReplyDeleteKya ye sadhna Sadgurudev Narayan dutt shrimali ji ne batayi hai??
ReplyDeleteKripya reply kare.
Kya ye sadhna Sadgurudev Narayan dutt shrimali ji ne batayi hai??
ReplyDeleteKripya reply kare.